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शिक्षाविद, संस्कृतिकर्मी डॉ. गिरधारी राम गौंझु को मरणोपरांत भारत सरकार ने दिया पद्मश्री सम्मान

  • Writer: Abua Disum
    Abua Disum
  • Jan 25, 2022
  • 1 min read

साहित्यकार, शिक्षाविद, संस्कृतिकर्मी डॉ. गिरधारी राम गौंझु को मरणोपरांत भारत सरकार ने पद्मश्री सम्मान देने की घोषणा की है| ये सम्मान उन्हें साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए दिया गया है| पिछले साल सांस लेने में दिक्कत के कारण रिम्स में उनकी मौत हो गई थी। वे किडनी की समस्या से जूझ रहे थे।


File photo : Dr. Girdhari Ram Gonjhu

साल 2011 को रांची विश्वविद्यालय के क्षेत्रीय व जनजातीय भाषा विभाग के विभागाध्यक्ष पद से सेवानिवृत हो चुके गिरधारी राम गौंझू की कई किताबें भी प्रकाशित हुई है। वो हमेशा से सामाजिक और सांस्कृतिक काम भी करते थे। झारखण्‍ड का अमृत पुत्र: मरंग गोमके जयपाल सिंह मुंडा, महाराजा मदरा मुंडा, झारखण्‍ड के लोक नृत्‍य, झारखण्‍ड की पारंपरिक कलाएं, झारखण्‍ड की सांस्‍कृतिक विरासत, नागपुरी के प्राचीन कवि, रुगड़ा-खुखड़ी, सदानी नागपुरी सदरी व्‍याकरण, नागपुरी शब्‍द कोश, झारखण्‍ड के लोक गीत, झारखण्‍ड के वाद्य यंत्र, मातृभाषा की भूमिका, ऋतु के रंग मांदर के संग, महाबली राधे कर बलिदान सहित अनेक पुस्‍तकें, कहानी संग्रह, कविता संग्रह उनके नाम हैं।

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