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झारखंड आंदोलन में सांस्कृतिक योगदान

  • Writer: Abua Disum
    Abua Disum
  • May 7, 2021
  • 1 min read

जयपाल सिंह की झारखंड पार्टी के विलय के बाद झारखंड आंदोलन लगभग समाप्त हो चुकी थी इसे फिर से जिंदा करने के लिए झारखंड के विभिन्न संस्कृतिकर्मी सामने आए. इन्होंने अपनी गीतों और कविताओं के माध्यम से लोगों में चेतना जगाने का काम किया. यह वह दौर था जिसने लोगों के अंदर झारखंड आंदोलन को लेकर नई ऊर्जा प्रदान की और लोग बढ़-चढ़कर झारखंड आंदोलन में अपनी भागीदारी दिखाई. इसी कड़ी में कला कर्मी मधुमंसूरी हंसमुख से खास बातचीत...




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