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पत्रकार पी. साईनाथ ने मानवाधिकार पत्रकारिता और मीडिया सेंसरशिप के मुद्दों को उठाया

  • Writer: Abua Disum
    Abua Disum
  • Jun 29, 2023
  • 2 min read

"गवर्नेंस बाय गैगिंग: द मोरल यूनिवर्स ऑफ मीडिया" विषय पर सेमिनार स्वर्गीय स्टेन स्वामी की पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज (पीयूसीएल) समिति द्वारा 25 जून, 2023 को एक्स.आई.एस.एस, राँची के सभागार में आयोजित की गई थी। सेमिनार का उद्देश्य मानवाधिकार पत्रकारिता के महत्व और मीडिया सेंसरशिप के प्रचलित मुद्दों को संबोधित करने की आवश्यकता पर प्रकाश डालना था। प्रसिद्ध पत्रकार पी. साईनाथ ने एक प्रभावशाली व्याख्यान दिया, जिसमें ग्रामीण भारत को मुख्यधारा की मीडिया में लाने के महत्व और एक निष्पक्ष और समान न्यायिक प्रक्रिया की आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया।



सेमिनार की शुरुआत प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता और मानवाधिकारों के समर्थक स्वर्गीय स्टेन स्वामी की विरासत के परिचय के साथ हुई। मानवाधिकारों के क्षेत्र में उनके योगदान और सामाजिक न्याय के प्रति प्रतिबद्धता को स्वीकार किया गया, जिससे बाद में होने वाली चर्चा का माहौल तैयार हुआ।


साईनाथ ने ग्रामीण भारत को मुख्यधारा के मीडिया आख्यान में लाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत की अधिकांश आबादी ग्रामीण इलाकों में रहती है, और उनकी आवाज़ और कहानियों को अक्सर पारंपरिक


मीडिया आउटलेट्स द्वारा नजरअंदाज कर दिया जाता है। मानवाधिकार पत्रकारिता को इस अंतर को पाटने और ग्रामीण मुद्दों और दृष्टिकोणों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने का प्रयास करना चाहिए।



वक्ता ने मीडिया सेंसरशिप की बढ़ती घटनाओं और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को दबाने पर चिंता जताई। साईनाथ ने महत्वपूर्ण मुद्दों पर रिपोर्टिंग करने और शक्तिशाली लोगों को जवाबदेह ठहराने में पत्रकारों के सामने आने वाली चुनौतियों पर चर्चा की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि एक जीवंत लोकतंत्र के लिए एक स्वतंत्र मीडिया की आवश्यकता होती है जो सार्वजनिक हित के मामलों पर निडर होकर रिपोर्ट कर सके।


साईनाथ ने भारत में न्यायिक प्रक्रिया की असमान प्रकृति पर प्रकाश डाला। उन्होंने न्याय तक पहुंच में असमानताओं पर प्रकाश डाला, खासकर हाशिए पर रहने वाले समुदायों के लिए। वक्ता ने एक अधिक समावेशी और निष्पक्ष न्यायिक प्रणाली की आवश्यकता पर जोर दिया जो सभी व्यक्तियों के लिए उनकी सामाजिक या आर्थिक पृष्ठभूमि के बावजूद समान अधिकार और उचित प्रक्रिया सुनिश्चित करती है।




इस मौके पर पीयूसीएल (पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज) पत्रिका के पहले अंक का विमोचन किया गया। सेमिनार में प्रमुख हस्तियों, बुद्धिजीवियों और कार्यकर्ताओं को एक साथ लाया गया। इस कार्यक्रम में सामाजिक कार्यकर्ता दयामनी बारला, घनश्याम, अशोक झा, वासवी किरो, साहित्यकार रवि भूषण, फिल्म निर्माता मेघनाथ, अनामया से गुंजल इकिर मुंडा, एलिना होरो जैसे प्रसिद्ध व्यक्तियों की उपस्थिति देखी गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता टी.आर.आई के निदेशक रणेंद्र ने की।

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